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हाथियों का आतंक, कई बीघा गन्ने की फसल तबाह ग्राम प्रधान ने मुआवजे और सुरक्षा के ठोस इंतज़ाम की उठाई मांग।

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डोईवाक (राजेंद्र वर्मा):
क्षेत्र के सिमलास ग्रांट के गांवो में देर रात हाथियों के झुंड ने खेतों में घुसकर भारी नुकसान पहुंचाया। हाथियों ने गन्ने की फसल को रौंदते हुए कई बीघा जमीन पर खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद कर दी। लगातार हो रही इन घटनाओं से किसानों में दहशत और आक्रोश दोनों बढ़ता जा रहा है।

ग्राम प्रधान सुषमा बोरा ने कहा कि किसान पहले ही मौसम, लागत और बाजार की मार झेल रहे हैं, अब जंगली जानवरों का हमला उनकी कमर तोड़ रहा है। उन्होंने वन विभाग से तत्काल सर्वे कराकर प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग की। साथ ही गांव की सीमाओं पर सोलर फेंसिंग, ट्रेंचिंग और रात्रि गश्त जैसे स्थायी सुरक्षा उपाय लागू करने को कहा। प्रधान ने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामीण आंदोलन का सहारा लेंगे।

किसान गीता देवी ने कहा कि हम दिन-रात मेहनत करके फसल खड़ी की और एक ही रात में हाथियों ने सब तबाह कर दिया। अब न घर चलाने को पैसा है न अगली फसल बोने के साधन। अगर सरकार हमारी सुनवाई नहीं करेगी तो गांव की महिलाएं भी सड़कों पर उतरकर हक मांगेंगी।

किसान सरजीत सिंह ने कि कहा जब वोट चाहिए होते हैं तब नेता हमारे दरवाजे पर आते हैं, लेकिन जब फसल बर्बाद होती है तो कोई अधिकारी खेत तक नहीं आता। किसान का खून-पसीना बर्बाद हो और बदले में सिर्फ कागजी आश्वासन मिले, अब ये अन्याय नहीं सहेंगे। हमें पूरा मुआवजा और पक्की सुरक्षा चाहिए।
किसान कश्मीर सिंह ने बताया कि हाथियों का झुंड आए दिन खेतों में घुसता है। हम रातभर जागकर पहरा देते हैं, अपनी जान जोखिम में डालते हैं। न वन विभाग की गश्त है, न कोई सुरक्षा इंतज़ाम। अगर हालात ऐसे ही रहे तो हम खेती छोड़ने पर मजबूर हो जाएंगे।
किसान जगदीश प्रसाद ने कहा कि हाथियों से हमें सिर्फ फसल का नहीं, अपनी जान का भी खतरा है। सरकार अगर हमें मुआवजा और सुरक्षा नहीं देती तो हम मजबूर होकर सड़कों पर उतरेंगे। अब हमें राहत के साथ-साथ स्थायी समाधान चाहिए वरना हम तहसील से लेकर देहरादून तक आवाज़ बुलंद करेंगे।

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