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माइक्रो सरफेसिंग से सड़कों को मिलेगा नया जीवन बरसात में नहीं उखड़ेंगी सड़कें

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डोईवाला (राजेंद्र वर्मा):
बरसात के मौसम में पानी भरने से सड़कें उखड़ती और आवागमन बाधित होता था। लेकिन अब डोईवाला क्षेत्र में सड़क निर्माण में माइक्रो सरफेसिंग तकनीक अपनाने से यह समस्या दूर होने जा रही है। इस तकनीक से सड़कें मजबूत, टिकाऊ और पानी प्रतिरोधी बनेंगी, जिससे नगर और ग्रामीणों को लंबे समय तक लाभ मिलेगा।
डोईवाला विधायक बृजभूषण गैरोला ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि क्षेत्र की सभी प्रमुख सड़कों को नई तकनीक से तैयार किया जाए, ताकि लोगों को गड्ढों और धूल-मिट्टी की समस्या से छुटकारा मिले। उन्होंने बताया कि विभाग को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता से कोई समझौता न हो।

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लोक निर्माण विभाग अपर सहायक अभियंता टी.एस. लिंगवाल ने बताया कि इस समय डोईवाला विधानसभा क्षेत्र में लगभग 12 किलोमीटर लंबी सड़कों पर माइक्रो सरफेसिंग की जा रही है। इसमें खैरी, माजरी, चाँडी, खत्ता समेत कई प्रमुख गांवों की सड़कें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पहले हर बरसात में सड़कें उखड़ जाती थीं और मरम्मत पर भारी खर्च करना पड़ता था। अब इस तकनीक से बनी सड़कें कई साल तक बेहतर स्थिति में बनी रहेंगी।

सड़क में जलभराव से बचाती है माइक्रो सरफेसिंग की एक पतली परत।

माइक्रो सरफेसिंग एक पतली परत (Thin Layer) होती है, जो सड़क की सतह पर लगाई जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य सड़क की जीवन अवधि बढ़ाना, फटनों और गड्ढों को रोकना और सड़क की सुरक्षा और स्थायित्व बढ़ाना है
इसमें पोटासियम, क्रश्ड स्टोन और कभी-कभी एडिटिव्स का मिश्रण तैयार किया जाता है।
यह मिश्रण सड़क पर मशीन से फैलाया जाता है, जो सतह को पूरी तरह से कवर कर देता है।
मिश्रण सड़क पर फैलने के बाद कुछ समय में सेट हो जाता है और मजबूत, चिकनी सतह बनाता है।
छोटी दरारों और गड्ढों को रोकता है। और इस सड़क की उम्र बढ़ती है। सड़क में जलभराव से बचाता है। यातायात के लिए अधिक सुरक्षित बनाता है।
इसे लगाने में कम समय लगता है, जिससे यातायात प्रभावित कम होता है। पूरी सड़क बदलने की तुलना में यह सस्ता विकल्प है। यह ग्रामीण और शहरी सड़कों के अलावा राजमार्ग आदि के लिए बहुत उपयोगी है।

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