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चार दिवसीय समागम में प्रकट हुआ गुरु तेग बहादुर जी का अद्वितीय बलिदानी प्रकाश।

खैरी धरमुचक गुरुद्वारा साहिब में समापन दिवस पर उमड़ी विशाल संगत, रागी–महापुरुषों ने गुरुवाणी से नई पीढ़ी को दिया त्याग–साहस का संदेश।

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डोईवाला (राजेंद्र वर्मा):
गुरुद्वारा श्री तेग बहादुर साहिब, खैरी धरमुचक में मंगलवार को श्री गुरु तेग बहादुर महाराज तथा उनके भाइयों का 350वां शहीदी दिवस अत्यंत श्रद्धा और मर्यादा के साथ संपन्न हुआ। चार दिनों तक चले इस धार्मिक समागम का समापन भावपूर्ण कीर्तन, कथा–विचार और सामूहिक अरदास के साथ हुआ। पंजाब, हिमाचल सहित विभिन्न क्षेत्रों से आई संगत ने भारी संख्या में पहुंचकर गुरु साहिब के बलिदान को नमन किया। पूरे समागम के दौरान वातावरण ‘सतिगुरु’ की महिमा और शौर्य के संदेश से गूंजता रहा।

समापन दिवस पर तेजपाल सिंह मोंटी और रागी जत्थों ने गुरुवाणी की रसधारा प्रवाहित कर दी। कीर्तन के माध्यम से गुरु तेग बहादुर जी के साहस, अद्वितीय त्याग और मानवता की रक्षा हेतु दिए गए सर्वोच्च बलिदान का संदेश भावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया गया।

नवांशहर (पंजाब) से पधारे ज्ञानी सुखविंदर सिंह अनमोल ने कहा कि गुरु तेग बहादुर महाराज ने पूरे मानव समाज के लिए धर्म, सत्य और स्वतंत्रता की रक्षा में अपना शीश समर्पित किया। उन्होंने कहा, “गुरु साहिब की शहादत यह प्रमाण है कि सच्चाई का मार्ग कठिन हो सकता है, परंतु वही मनुष्य का सर्वोच्च धर्म है। आज भी उनकी वाणी इंसानियत, न्याय और नैतिक साहस का मार्ग दिखाती है।

हिमाचल प्रदेश से आए बाबा कुलदीप सिंह ने कहा कि गुरु तेग बहादुर महाराज का जीवन संयम, त्याग, दया और वीरता का अद्वितीय प्रकाश है। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी के लिए गुरु साहिब की शिक्षा पहले से अधिक आवश्यक है, क्योंकि यह समाज में भाईचारे, शांति और मानवता की ज्योति जगाती है।

गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के प्रधान सुरेंद्र सिंह खालसा ने कहा कि गुरु तेग बहादुर महाराज का योगदान केवल इतिहास तक सीमित नहीं, बल्कि जीवन को दिशा देने वाला प्रेरक संदेश है। उन्होंने कहा कि कमेटी का उद्देश्य युवाओं को गुरु साहिब की शिक्षाओं से जोड़ना है ताकि समाज में सद्भाव, सत्य और सेवा की भावना को मजबूती मिल सके।

पालिका अध्यक्ष नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि शहीदी दिवस जैसे आयोजनों से युवा पीढ़ी अपने महान संत–शहीदों के आदर्शों से परिचित होती है और यही हमारे समाज व राष्ट्र की वास्तविक धरोहर है।

कार्यक्रम में हरदयाल सिंह, भजन सिंह, जसविंदर सिंह डाली, अमरजीत सिंह, करनैल सिंह, प्रताप सिंह, सभासद सुरेश सैनी, जरनैल सिंह, रघुवीर सिंह, अर्जन सिंह, बलविंदर सिंह बिल्लू, जसपाल सिंह राना, ज्ञानी मलकीत सिंह, तरसेम सिंह, राजा विक्रम सिंह, तेजपाल सिंह मोंटी, दीप सिंह, बलबीर सिंह, गुरचरण सिंह, जगतार सिंह सहित क्षेत्र की भारी संख्या में संगत मौजूद रही।

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