प्रभु श्रीराम के आदर्श मानवता के हैं पथ प्रदर्शक । जिला पंचायत अध्यक्ष सुखविंदर कौर
रामलीला के दूसरे दिन ताड़का वध, मारीच-सुबाहू व सीता जन्म की लीला ने बांधा समां।
डोईवाला (राजेंद्र वर्मा):
अठूरवाला सांस्कृतिक मंच समिति के तत्वावधान मे अठूरवाला में रामभक्ति और आस्था का अनुपम संगम देखने को मिला, जब रामलीला के दूसरे दिन ताड़का वध, मारीच-सुबाहू व सीता जन्म की लीलाओं का मंचन हुआ। मंच पर कलाकारों की जीवंत प्रस्तुति और मंच के चारों ओर गूंजते “जय श्रीराम” के उद्घोष ने माहौल को भक्तिमय बना दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष सुखविंदर कौर ने दीप प्रज्वलित कर किया।
सुखविंदर कौर ने कहा कि रामलीला केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, मर्यादा और आदर्शों की जीवंत पहचान है। श्रीराम का जीवन त्याग, सत्य और धर्म के पालन का प्रतीक है। ऐसे आयोजन समाज में नैतिक मूल्यों को सशक्त बनाते हैं और नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से जोड़ते हैं।
डॉ. ममता कुंवर के निर्देशन में चल रही रामलीला में उन्होंने कहा कि रामलीला हमारी सनातन संस्कृति की आत्मा है। इसके माध्यम से हम अपने बच्चों में भक्ति, मर्यादा और आदर्श जीवन के संस्कार स्थापित कर सकते हैं।
समिति अध्यक्ष पुरुषोत्तम डोभाल ने कहा कि रामलीला समाज में एकता और धार्मिक भावना का संदेश देती है। कलाकारों की निष्ठा और समर्पण समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
महासचिव करतार नेगी ने कहा कि अठूरवाला की रामलीला केवल मंचन नहीं, बल्कि श्रद्धा, संस्कृति और समाज की चेतना का संगम है। समिति का उद्देश्य श्रीराम के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाकर समाज में धर्म, मर्यादा और सद्भाव की भावना को मजबूत करना है।
इस मौके पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष मोहित उनियाल, शिवप्रसाद सेमवाल, रानीपोखरी प्रधान सुधीर रतूड़ी,राजेश कुंवर, ईश्वर रोथान, यशवंत सिंह गुसांईं, सुमेर सिंह नेगी, रणजीत सिंह, केंद्रपाल तोपवाल, सुधीर रावत, चतर सिंह, वीरेंद्र रावत दीपक नेगी, संजय चमोली आदि मौजूद रहे।



