जंगली हाथियों ने किसानों की 10 बीघा गन्ने की फसल को किया तहस नहस।
जंगली हाथी आए दिन रात किसानों के खेतों में घुसकर फसल कर रहे बर्बाद।

डोईवाला अभय वर्मा (राजेंद्र वर्मा): डोईवाला क्षेत्र के अंतर्गत सिमलास ग्रांट झडोंद में किसानों के खेतों में खड़ी गन्ने की हरी भरी लगभग दस बीघा फसल जंगली हाथियों ने तहस नहस कर डाली है। जिसके चलते किसानों के गन्ने की खेती का लाखों रुपए का नुकसान हो गया है। इस क्षेत्र में किसानों की फसलों को जंगली हाथियों के द्वारा दिन-रात को रौंदा जा रहा है, लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारियों शासन प्रशासन के सब कुछ संज्ञान में होने के बावजूद भी मौन है। जिसके चलते किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो रहा है। वीरवार की रात को डोईवाला के सिमलास ग्रांट झडोंद में किसानो के खेतों में खड़ी गन्ने की हरी भरी फसल को रोधने के लिए पार्क से जंगली हाथी खेतों में घुस गए। देखते ही देखते जंगली हाथियों ने किसानों के खेतों में खड़ी लगभग दस बीघा गन्ने की हरी हरी फसल को तहस-नहस कर दिया। जब किसानों को रात को जंगली हाथियों की चिंघाड़ सुनाई दी तो किसान एकत्र होकर अपने खेतों की ओर पहुंचे और उन्होंने जंगली हाथियों को भगाने का काफी प्रयास किया। लेकिन जंगली हाथी गन्ने की फसलों को तहस नहस करते रहे। किसानों ने संबंधित विभाग के अधिकारियों से भी फोन पर संपर्क करना चाह लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया। जिसके चलते किसानों की गन्ने की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। किसान जगदीश पाल ने बताया कि देर रात को जंगली हाथी हमारे गन्ने के खेतों में घुस गए और उन्होंने लगभग 10 बीघा गन्ने की फसल को तहस-नहस कर दिया है। जिसके चलते हमारे साल भर की मेहनत पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। उन्होंने कहा कि किसान खेतों में फसल के लिए साल भर मेहनत करता है और इस फसल को बेचकर ही अपने परिवार का पालन पोषण करता है। पूर्व ग्राम प्रधान उम्मेद बोरा ने कहा कि इस क्षेत्र में पार्क की ओर से जंगली हाथी आए दिन किसानों के खेतों में पहुंचकर फसलों को नष्ट कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जंगली हाथियों को रोकने के लिए पार्क ने कोई सुरक्षा दीवार नहीं बनाई है और ना ही ऊर्जा बाढ़ लगाई है। जिसके चलते जंगली हाथी किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। उत्तराखंड किसान एकता मंच के महासचिव दरपान ने कहा कि जंगली हाथी आए दिन रात किसानों के खेतों में घुसकर फसल बर्बाद कर रहे हैं। जिसका किसानों को ना तो सरकार कोई मुआवजा दे रही है और ना ही किसानों की फसलों का कोई बीमा है जिसके चलते किसान पूरी तरह आर्थिक और मानसिक स्थिति से गुजर रहा है। उन्होंने सरकार से किसानों की फसलों के नुकसान का मुआवजा देने की मांग करते हुए कहा कि किसानों की फसलों को जंगली हाथों से बचाने के लिए ऊर्जा बlढ़ या सुरक्षा दीवार लगानी चाहिए जिसके चलते किसानों की फसलों को बचाया जा सके। verma doi