भारत पर विदेशी ताकतों की नजर, पर देश की एकता अडिग। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू
केंद्रीय मंत्री बोले – भारत की विविधता ही उसकी असली शक्ति, कोई ताकत नहीं तोड़ सकती राष्ट्र का मनोबल।
डोईवाला (राजेंद्र वर्मा):
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि भारत के संविधान और संस्कृति की जड़ें इतनी मजबूत हैं कि कोई भी विदेशी ताकत देश की एकता को नहीं तोड़ सकती। उन्होंने कहा कि आज कुछ बाहरी शक्तियां सोशल मीडिया के माध्यम से भारत की छवि धूमिल करने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन देशभक्ति और जनएकता की भावना हर साजिश को विफल कर रही है।
थानो स्थित लेखक गांव में ‘स्पर्श हिमालय अभियान’ के तहत आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। रिजिजू ने कहा कि भारत विविधताओं में एकता का प्रतीक है। कई देश मतभेदों से बिखर गए, पर भारत आज भी दृढ़ता से खड़ा है क्योंकि यहां के लोग राष्ट्र को सर्वोपरि मानते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें हिमालय से ऊर्जा और आत्मबल मिलता है और वे भविष्य में उत्तराखंड में बसने की इच्छा रखते हैं। उन्होंने कहा कि लेखक गांव में लेखकों और कलाकारों के बीच आकर उन्हें सृजनशील भारत की आत्मा दिखाई देती है।
इंडोनेशिया के बाली द्वीप के विधानसभा सदस्य प्रो. सोमवीर ने कहा कि बाली में 87 प्रतिशत हिंदू हैं और वहां की सरकार अपने बजट का 20 प्रतिशत संस्कृति और संस्कारों के संरक्षण में लगाती है। उन्होंने भारत सरकार से बाली के तीर्थयात्रियों के लिए उत्तराखंड में गेस्ट हाउस निर्माण की मांग की।
आचार्य बालकृष्ण ने भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा का अनावरण करते हुए उन्हें वैदिक काल के अमर पुरुष बताया। वहीं एनएएसी अध्यक्ष डॉ. अनिल सहस्त्रबुद्धि ने कहा कि डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के नेतृत्व में बनी नई शिक्षा नीति का उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से मानव निर्माण और सांस्कृतिक पुनर्जागरण है।
लेखक गांव की निदेशक विदुषी निशंक ने बताया कि जल्द ही लेखक गांव को ‘आयुष गांव’ और ‘वैदिक गांव’ के रूप में विकसित किया जाएगा।
कार्यक्रम का संचालन सुशील उपाध्याय और डॉ. आर.पी. गौड़ ने किया।
इस अवसर पर 65 देशों से आए लेखक व साहित्यकार, मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति पृथ्वीरराज सिंह रूपन, अवधेशानंद गिरि जी महाराज और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक मौजूद रहे।
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