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लेखक गाँव में सजी राष्ट्रीय अस्मिता और शौर्य की अनूठी गाथा।

स्पर्श हिमालय महोत्सव 2025 का भव्य समापन — संस्कृति, साहित्य और राष्ट्रचेतना का संगम बना लेखक गाँव।

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डोईवाला (राजेंद्र वर्मा):
भारत के प्रथम लेखक गाँव में तीन दिवसीय स्पर्श हिमालय महोत्सव 2025 का भव्य समापन “राष्ट्रीय अस्मिता एवं भारतीय शौर्य परंपरा” विषयक सत्र के साथ हुआ।

समापन सत्र की अध्यक्षता पूर्व रक्षा सचिव डॉ. योगेन्द्र नारायण ने की। मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विशिष्ट अतिथि पद्मश्री डॉ. हरमोहिन्दर सिंह बेदी (कुलाधिपति, हिमाचल विश्वविद्यालय) और संरक्षक लेखक गाँव एवं पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ रहे।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लेखक गाँव केवल कल्पना नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को दिशा देने वाला विचार है। यह गाँव सृजन, संस्कृति और आत्मगौरव का प्रतीक बनेगा।

अध्यक्षता कर रहे डॉ. योगेन्द्र नारायण ने कहा कि लेखक गाँव भारत की बौद्धिक चेतना का पुनर्जागरण है, जहाँ साहित्य, राष्ट्र और समाज संवाद करते हैं।

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पद्मश्री डॉ. हरमोहिन्दर सिंह बेदी ने कहा कि भारत की अस्मिता उसकी भाषा, संस्कृति और मूल्यों में निहित है, और लेखक गाँव उसी आत्मा का सजीव प्रतीक है।

समापन उद्बोधन में डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि स्पर्श हिमालय महोत्सव भारत की आत्मा का उत्सव है, जहाँ विचार, संस्कार और सृजन एक साथ प्रवाहित होते हैं।

महोत्सव में भारत सहित 60 से अधिक देशों के साहित्यकारों, कलाकारों और विचारकों ने भाग लिया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। लेखक गाँव की वादियाँ संस्कृति और साहित्य की ऊर्जा से गूंज उठीं। इस मौके पर एच आई एच टी के कुलपति विजय धस्माना, बालकृष्ण चमोली, सुभाष भट्ट आदि गणमान्य लोग मौजूद थे।

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