श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन जौलीग्रांट में सुदामा चरित्र का हुआ दिव्य वाचन।
डोईवाला (राजेंद्र वर्मा):
श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के सातवें दिन जौलीग्रांट क्षेत्र में एक अत्यधिक आध्यात्मिक और भव्य वातावरण में सुदामा चरित्र का प्रसंग सुनाया गया। यह विशेष आयोजन गौड़ीय मठ थानों के परम पूज्य त्रिदण्डी स्वामी भक्ति प्रसाद त्रिविक्रम महाराज के पावन वचनों से संपन्न हुआ, जिन्होंने कथा का वाचन करते हुए भगवान श्री कृष्ण और उनके भक्त मित्र सुदामा के बीच गहरे और निःस्वार्थ प्रेम के अद्भुत प्रसंग को उजागर किया।
स्वामी भक्ति प्रसाद त्रिविक्रम महाराज ने बताया कि सुदामा जैसे परम भक्त मित्र का जीवन, जो भगवान के प्रति अपनी अडिग श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक था, हमें जीवन में सच्चे भक्ति मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। उन्होंने बताया कि सुदामा का कृष्ण से सच्चा प्रेम ही था, जिसने उसे सांसारिक दरिद्रता से मुक्ति दिलाई और भगवान श्री कृष्ण ने अपने मित्र सुदामा को अपने आशीर्वाद से धन्य कर दिया।उन्होंने कहा कि भगवान अपने सच्चे भक्तों को कभी निराश नहीं करते, और जो भक्त पूरी श्रद्धा और विश्वास से प्रभु के चरणों में समर्पित होता है, भगवान उसे कभी खाली हाथ नहीं लौटने देते।
श्रद्धालुओं ने कहा कि यह आयोजन क्षेत्र के लिए एक यादगार धार्मिक आयोजन के रूप में जाना जाएगा, जिसने सभी उपस्थित भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में एक कदम और बढ़ने की प्रेरणा दी।
श्रीमद्भागवत कथा का यह दिव्य आयोजन क्षेत्र के लोग हमेशा याद रखेंगे, जो कृष्ण भक्ति के गहरे अर्थ को समझने और अपनाने का एक अनमोल अवसर बना।
सभी श्रद्धालु भावुक होकर श्री कृष्ण के गुणगान में निमग्न हो गए और इस महान कथा के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण के अनंत प्रेम और कृपा का अनुभव किया।
इस दिव्य कथा के दौरान, श्रद्धालु भक्तों का मन भी कृष्ण भक्ति में रमा हुआ था। बड़ी संख्या में भक्तों ने इस आयोजन में भाग लिया, जिनमें प्रमुख रूप से राकेश जोशी, सतीश जोशी, सुशील जोशी, प्रमोद जोशी, सुधीर जोशी, अनुज जोशी, मीना जोशी, सुधा जोशी और अन्य कथा प्रेमी उपस्थित थे।



