“प्रो० तलवाड़ ने किया साईं सृजन पटल की आधिकारिक वेबसाइट का शुभारंभ।

डोईवाला 23 जून (राजेंद्र वर्मा):
साहित्य, संस्कृति और विचारशील संवाद के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुका ‘साईं सृजन पटल’ अब एक नए युग में प्रवेश कर चुका है। यह प्रवेश केवल तकनीकी माध्यमों की ओर बढ़ने का संकेत नहीं, बल्कि साहित्य की उस परंपरा को डिजिटल भविष्य से जोड़ने की एक विचारशील और दूरदर्शी पहल है, जिसमें रचना, शोध, विमर्श और जन संवाद की आधुनिक अभिव्यक्ति समाहित है।
हाल ही में देहरादून में साईं सृजन पटल की आधिकारिक वेबसाइट का भव्य शुभारंभ इसी दिशा में उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम है। इस शुभारंभ के साथ पटल ने न केवल एक डिजिटल पृष्ठ खोला, बल्कि एक ऐसे मंच का उद्घाटन किया है जहाँ साहित्य की संवेदनाएं, संस्कृति की धड़कनें और शोध की गंभीरता वैश्विक पाठकों तक अनायास पहुँच सकेंगी।
इस डिजिटल उद्यम का नेतृत्व कर रहे पटल के संरक्षक व मुख्य संपादक डॉ. के.एल. तलवाड़ ने उद्घाटन के दौरान अत्यंत सारगर्भित शब्दों में इसकी महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा – “यह केवल एक वेबसाइट नहीं, बल्कि विचारों की उड़ान को वैश्विक मंच देने का एक माध्यम है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब साईं सृजन पटल की विविध विधाओं—संपादकीय, रचनाएँ, शोध आलेख, विशेषांक और काव्य—डिजिटल रूप में देश-विदेश के पाठकों के लिए सहज सुलभ होंगे।
इस अवसर पर एक और उल्लेखनीय घोषणा हुई जिसने पटल की गंभीरता और प्रामाणिकता को औपचारिक रूप से मान्यता दी। भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के अंतर्गत साईं सृजन पटल को “प्रकाशन सेवाओं” की श्रेणी में पंजीकृत कर लिया गया है। यह न केवल संस्था के लिए एक गौरव की बात है, बल्कि यह इस बात का प्रमाण भी है कि साईं सृजन पटल का साहित्यिक और वैचारिक योगदान राष्ट्र निर्माण में सशक्त भूमिका निभा रहा है।
उपसंपादक अंकित तिवारी ने इस पहल को रचनाकारों के लिए एक “ओपन प्लेटफॉर्म” बताया, जो पारंपरिक मीडिया से आगे बढ़कर, रचनात्मक अभिव्यक्ति को व्यापक पाठकवर्ग से जोड़ने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि डिजिटल मंच पर पटल की उपस्थिति से न केवल साहित्यिक क्षितिज विस्तृत होगा, बल्कि पाठक और लेखक के मध्य संवाद भी अधिक सघन और प्रभावी हो सकेगा।
सह-संपादक अमन तलवाड़ ने तकनीकी पक्ष को रेखांकित करते हुए स्पष्ट किया कि जब साहित्यिक प्रतिबद्धता, तकनीकी दक्षता और रचनात्मक समर्पण एक मंच पर एकत्र होते हैं, तब एक नई सांस्कृतिक ऊर्जा का जन्म होता है। उन्होंने तकनीकी टीम और इंसाइडी मीडिया कंपनी के सीईओ अक्षत का विशेष धन्यवाद ज्ञापित किया, जिनकी तकनीकी समझ ने इस डिजिटल प्रयास को साकार किया।
इस ऐतिहासिक अवसर पर नीलम तलवाड़ सहित पटल से जुड़े कई वरिष्ठ साहित्यकार, रचनाकार, तकनीकी सहयोगी, पाठकगण और शुभचिंतक भी उपस्थित रहे, जिन्होंने इसे “रचनात्मकता का डिजिटल उत्सव” बताया और इसे एक संस्कृति-समर्पित डिजिटल क्रांति का आरंभ माना।
यह स्पष्ट है कि साईं सृजन पटल अब केवल एक पत्रिका नहीं, बल्कि एक ऐसा सृजनात्मक आंदोलन बन चुका है जो पारंपरिक साहित्यिक मूल्यों को आधुनिक तकनीकी परिवेश में नई चेतना के साथ प्रस्तुत कर रहा है। वेबसाइट का शुभारंभ इसी चेतना का प्रतिफल है, जो हमें यह संदेश देता है कि साहित्य सीमाओं का नहीं, विचारों का विस्तार है—और जब वह तकनीक से जुड़ता है, तो उसकी ऊँचाइयाँ असीमित हो जाती हैं।
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