आर्य समाज प्रॉपर्टी विवाद में बढ़ती तनातनी: सभासद व अधिवक्ता पर हमले से अधिवक्ताओं का फूटा गुस्सा।
अधिवक्ताओं ने किया थाने का घेराव, पुलिस पर लापरवाही के आरोप—कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी।
आर्य समाज मंदिर की दुकान को लेकर चल रहे प्रॉपर्टी विवाद ने शुक्रवार को अचानक तीखा मोड़ ले लिया। वीरवार को खनन कारोबारी और स्थानीय लोगों ने वार्ड नंबर-1 के सभासद और अधिवक्ता मनीष धीमान पर हमला कर दिया था। इस घटना ने अधिवक्ताओं में भारी आक्रोश पैदा कर दिया।
घटना के विरोध में परवादून बार एसोसिएशन ने न्यायालयी कार्य का बहिष्कार कर थाने का घेराव किया। अधिवक्ताओं ने पुलिस पर आरोप लगाया कि प्रॉपर्टी विवाद कई दिनों से अंदर ही अंदर सुलग रहा था, लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया, जिसका नतीजा यह हमला है।
अधिवक्ताओं का कहना है कि मनीष धीमान न केवल जनप्रतिनिधि हैं, बल्कि आर्य समाज मंदिर के प्रॉपर्टी विवाद में कानूनी पक्ष से भी जुड़े हुए हैं। ऐसे में उन पर हमला सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास है।
हमले के पीड़ित अधिवक्ता मनीष धीमान ने बताया कि रेलवे रोड स्थित आर्य समाज मंदिर की दुकान पर कुछ लोग कब्जा करने का प्रयास कर रहे थे। सूचना मिलने पर जब वे मौके पर पहुंचे और बातचीत करने लगे, तभी लगभग 10 से 15 खनन कारोबारी और स्थानीय लोगों ने अचानक उन्हें घेरकर मारपीट की है।
थाने का घेराव कर रहे अधिवक्ताओं ने पुलिस अधिकारियों से स्पष्ट कहा कि यदि आरोपियों पर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा। कोतवाली डोईवाला के एसएसआई विनोद राणा ने आश्वासन दिया कि आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हमले के बाद आर्य समाज प्रॉपर्टी विवाद का तनाव और बढ़ गया है। अधिवक्ताओं ने साफ चेतावनी दी है कि जब तक दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, विरोध जारी रहेगा। इस मौके पर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष फूल सिंह लोधी, सचिव मनोहर सिंह सैनी, सह सचिव जुबेर अहमद, समिति लोधी, मोइन अहमद, अशरफ अली, मनीष यादव, महेश लोधी, अतुल लोधी, भास्कर बलोनी, सुशील वर्मा, व्योम गोयल, राहुल बिष्ट, सुनील मान्यवर, राजेंद्र सौंध, भव्य चमोला, संजय सिंह, आशुतोष लोधी, संजय कुमार, प्रशांत आदि अधिवक्ता मौजूद थे।
पुलिस खड़ी रही, दबंग हावी रहे—अधिवक्ता की चीख तक नहीं सुनी।
ताला तुड़वाने में उलझी रही पुलिस, वीडियो में साफ सुनाई दे रही अधिवक्ता की मदद की पुकार।
डोईवाला । क्षेत्र में गुरुवार को हुए विवाद के दौरान अधिवक्ता मनीष धीमान के साथ हुई घटना से अधिवक्ता में रोष बना हुआ है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साफ तौर पर सुनाई दे रहा है कि अधिवक्ता बार-बार “मुझे बचाइए… मेरी मदद कीजिए…” की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उनकी पुकार तक नहीं सुनी।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कुछ दबंगों ने अधिवक्ता को पकड़ लिया और धक्का-मुक्की शुरू कर दी। उस समय पुलिसकर्मी और दीवान अधिकारी दबंगों के साथ मिलकर दुकान का ताला तुड़वाने में इतने व्यस्त थे कि अधिवक्ता की आवाज़ भी उनके कानों तक नहीं पहुंची और उन्होंने अनसुनी कर दी।
चौंकाने वाली बात यह है कि जिस समय अधिवक्ता मदद की गुहार लगा रहे थे, पुलिस उनके बिलकुल सामने खड़ी थी, फिर भी कोई भी हस्तक्षेप करने आगे नहीं आया। वीडियो में जहां अधिवक्ता की आवाज़ साफ सुनाई दे रही है, वहीं मौके पर मौजूद पुलिस पर सवाल है कि उन्हें वह आवाज़ क्यों नहीं सुनाई दी?
घटना के बाद क्षेत्र में रोष और चर्चा दोनों तेज हैं। लोगों का कहना है कि यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था की सीधी विफलता है। जब पुलिस मौके पर मौजूद थी तो अधिवक्ता को क्यों नहीं बचाया जा सका, तो आम नागरिक अपनी सुरक्षा का भरोसा किस पर करें?
फिलहाल वायरल वीडियो पूरी घटना का सच उजागर करता दिख रहा है। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।



