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स्पर्श हिमालय विश्वविद्यालय में स्पर्श गंगा शिक्षा श्री सम्मान का आयोजन, शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले उत्तराखंड के पांच शिक्षकों को शॉल और स्मृति चिन्ह देकर किया सम्मनित।

स्पर्श गंगा अभियान से जुडा हर छात्र स्पर्श गंगा अम्बेसडर। निशंक

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डोईवाला अभय वर्मा (राजेंद्र वर्मा)। स्पर्श गंगा अभियान के स्थापना दिवस के अवसर पर स्पर्श हिमालय विश्वविद्यालय में हिमालयन एजुकेशनल एन्ड रिसर्च डेवलपमेन्ट सोसाइटी द्वारा स्पर्श गंगा शिक्षा श्री सम्मान का आयोजन किया गया। जिसमें शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले उत्तराखंड के पांच शिक्षकों को शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मनित किया गया।
कार्यक्रम का सुभारम्भ स्पर्श हिमालय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ काशीनाथ जेना, कुलाधिपति प्रो प्रदीप भारद्वाज हिमालयन एजुकेशनल एन्ड रिसर्च डेवलपमेन्ट सोसाइटी के अध्यक्ष प्रोफेसर अतुल जोशी, प्रोफेसर प्रभाकर बडोनी , एडमिरल ओमप्रकाश राणा,

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स्पर्श हिमालय विश्वविद्यालय की उपाध्यक्ष विदुषी निशंक, प्रो ऐ एस उनियाल के द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। हिमालयी मेडिकल एवं पी जी कॉलेज के डॉ नवीन जसोला द्वारा गंगा स्तुति के द्वारा किया गया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि स्पर्श गंगा अभियान के प्रणेता पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि आज शिक्षा श्री सम्मान के अवसर पर में मैं स्पर्श गंगा के लाखों स्वयंसेवकों को शुभकामनाएं देता हूं जिन्होंने इस अभियान को सफल बनाया और निरंतर कार्य कर रहे हैं। गंगा सिर्फ भारत नहीं पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है। गंगा में जीवन है वो जीवन दे सकती है। जागरूकता और अज्ञानता की वजह से आज गंगा प्रदूषित हो रही है। गंगा की सेवा एक अवसर है इसी अवसर को गंगा अमृत है गंगा के साथ साथ सभी छोटी बड़ी नदियां गंगा सागर में समाहित हो जाती हैं। और फिर गंगा सागर बनता है। स्पर्श हिमालय से जुड़े लाखों लोग प्रतिदिन गंगा के घाटों की सफाई कर रहे हैं और इस महान और पवित्र कार्य में लगे हैं। इस अभियान से जुडा हर छात्र स्पर्श गंगा अम्बेसडर हैं।

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पद्मश्री कल्याण सिंह रावत मैती ने कहा कि हिमालय के बुग्याल जड़ी बूटियों का घर है हिमालय के पहाड़ों और बुग्यालों से निकला यही जल गंगा जल है जिसमे अनगिनत औषधीय गुण हैं। स्पर्श गंगा अभियान उसी गंगा की निर्मलता और मूल को बचाने का एक अभियान है। नौले धारे सुख रहे हैं जल की एक एक बूंद का दायित्व हमारा है। इसके लिए पेड़ लगाने होंगे और उन पेड़ों का संरक्षण भी करना होगा। हिमालयन एजुकेशनल एन्ड रिसर्च डेवलपमेन्ट सोसाइटी के अध्यक्ष प्रो अतुल जोशी ने अपने उद्बोधन में कहा कि गंगा को बचाने के लिए हमें पकहाडों के धारे नौले बचाने होंगे। स्पर्श गंगा अभियान एक पवित्र अभियान है। इस अभियान के प्रणेता डॉ निशंक ने गंगा के महात्म्य को बचाने के लिए इस पवित्र अभियान की नींव रखी। इस अभियान की लोकप्रियता का अंदाज़ा इस बात से लगता है कि आज स्पर्श गंगा अभियान से संबंधित प्रश्न प्रतियोगिताओं में पूछे जा रहे हैं। प्रोफेसर प्रभाकर बडोनी ने इस अवसर पर कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि हम उत्तराखंड में हैं। आज विश्व के कई देश जल संकट से जूझ रहे हैं ऐसे में हमारे पास अनगिनत जीवनदायिनी नदियां हैं, ग्लेशियर हैं जो हमें जल प्रदान कर रहे हैं। स्पर्श गंगा अभियान छात्रों और युवाओं के द्वारा शुरू किया गया और आज इसमें वैज्ञानिक, प्रोफेसर आमजन के साथ सरकारें भी जुड़ चुकी हैं। स्पर्श गंगा अभियान का मूल उद्देश्य जल की एक एक बूंद को बचाना है, जंगल और ग्लेशियरों को बचाना है। मूल रूप से इस अभियान का उद्देश्य पर्यावरण की रक्षा करना हैं। ए एस उनियाल, उच्चशिक्षा ने कहा कि उत्तराखंड में भी युवाओं को नशे ने अपनी चपेट में लिया है । इसकी गंभीरता को समझते हुए हम इस समय विशेष रूप से नशा मुक्त अभियान को चला रहे हैं ताकि देश की भविष्य को बचाया जा सके। एडमिरल ओमप्रकाश राणा स्वतंत्रता के बाद ही अब तक करोड़ों वृक्ष लगे हैं लेकिन ये भी ध्यान दिया जाए कि वे ज़िंदा कैसे रहे। अपने बचपन के स्मरण को याद करते हुए उन्होंने कहा कि बचपन में हम आज के जो स्पर्श गंगा कार्य कर रही है वो अद्भुद है स्पर्श गंगा अभियान के गंगा प्रहरियों से मेरा अनुरोध है कि इस मुहिम में किये जा रहे कार्यों का आंकलन भी हो इस मेहनत के परिणाम क्या आ रहे हैं। स्पर्श हिमालय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ काशीनाथ जेना ने कहा कि 1997 में जब एडमंड हिलेरी भारत आये और बनारस गए तब उन्होंने कहा था कि अब गंगा पहले जैसी नहीं रही। आज 2024 में भी हम इस बात से चिंतित हैं कि गंगा की अविरलता और स्वछता बनी रहे। गंगा सिर्फ नदी नहीं है गंगा एक जीवन दर्शन है, जीवनदायनी है। कार्यक्रम में डॉ सरिता उनियाल, डॉ दीपा सिंह, बिंदु साह, श्री यशपाल सिंह रावत, सुरजी नेगी को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में हिमालयी आयुर्वेदिक मेडिकल एवं पी जी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ अनिल कुमार झा, डॉ सर्वेश उनियाल, प्रो० एस. डी. तिवारी ,स्पर्श हिमालय विश्वविद्यालय के कुलसचिव अरविंद अरोड़ा, प्रो० के. एल. तलवार, पुष्कर सिंह नेत्री श्रीमती रीता चमोली, सरोज डिमरी, नारेणा गोयल श्रीमती मनुरावत, रेणु शर्मा , जयंत शर्मा,श्रीना शमी, पुरुषोत्तम डोभाल एवं विश्वविद्यालय के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। verma doi

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