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11 साल की सेवा का जज़्बा: जन्मदिन पर फिर रक्तदान कर प्रेरणा बने अंकित तिवारी।

हर जन्मदिन को बनाया ‘जीवन बचाने का दिन’, मित्र अनुराग पाल भी जुड़े मुहिम से।

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डोईवाला (राजेंद्र वर्मा):
समाजसेवा का जज़्बा जब निरंतरता बन जाए तो वह प्रेरणा बन जाता है और यही मिसाल पेश कर रहे हैं अंकित तिवारी, जो पिछले 11 वर्षों से अपने हर जन्मदिन पर रक्तदान कर समाज को एक मजबूत संदेश दे रहे हैं। इस वर्ष भी उन्होंने अपने जन्मदिन को किसी उत्सव से ज्यादा किसी की जान बचाने के अवसर के रूप में मनाया।

अंकित न सिर्फ रक्तदान करते हैं बल्कि इससे पहले नेत्रदान और देहदान का संकल्प लेकर वे समाज के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता दिखा चुके हैं। कहा कि रक्तदान कोई त्याग नहीं, बल्कि एक सौभाग्य है। यह हमें किसी अनजान व्यक्ति की जिंदगी में रोशनी बनने का अवसर देता है।

इस बार उनकी प्रेरणा से मित्र अनुराग पाल भी रक्तदान के लिए साथ आए। अनुराग ने कहा कि अंकित को देखकर महसूस होता है कि सामाजिक जिम्मेदारी बातें नहीं, कदमों से पूरी होती है। उनका साथ देना मेरे लिए गर्व की बात है।

अंकित तिवारी का यह निरंतर प्रयास युवाओं के लिए एक बेहतरीन उदाहरण बन रहा है—कि व्यक्तिगत खुशी तभी सार्थक है जब वह समाज की भलाई में बदल जाए। उनका संदेश स्पष्ट है कि जीवन का सबसे बड़ा उत्सव किसी और को जीवन देने में है।

अंकित का यह कदम न सिर्फ एक प्रेरणा है बल्कि समाज में जागरूकता की एक नई रोशनी भी जगाता है। छोटे-छोटे योगदान, बड़े बदलाव की शुरुआत बनते हैंऔर अंकित इसका शानदार प्रमाण हैं।

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