Blog

सत्तीवाला दूधली मार्ग के चौड़ीकरण करने की मांग को लेकर विधानसभा सत्र के दौरान दूधली मार्ग पर होगा बड़ा आंदोलन।

सत्तीवाला दूधली मार्ग के चौड़ीकरण की पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की है घोषणा, नेताओं की आपसी खींचतान के चलते नहीं हो पा रहा है चौड़ीकरण।

खबर को सुनें

डोईवाला अभय वर्मा (राजेंद्र वर्मा):
सत्तीवाला दूधली मार्ग के चौड़ीकरण करने की मांग को लेकर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार को एक बड़े आंदोलन की चेतावनी दे डाली है। उन्होंने 17 फरवरी से होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान दूधली मार्ग पर धरना प्रदर्शन चक्का जाम करने की बात कही है। प्रशासन द्वारा विधानसभा सत्र के दौरान देहरादून से डोईवाला की ओर आने वाला ट्रैफिक दूधली मार्ग को डायवर्ट किया जाता है। ऐसे में प्रशासन की मुसीबत बढ़ना तय है। 17 फरवरी को दूधली मार्ग पर आंदोलन के लिए कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष गौरव सिंह चौधरी के नेतृत्व में जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने तहसील मुख्यालय का प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन सोपा है।

Oplus_131072
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सत्तीवाला दूधली मार्ग के चौड़ीकरण की घोषणा के 5 वर्ष बाद भी नेताओं में राजनीति की आपसी खींचतान के चलते आज भी सड़क के चौड़ीकरण का कार्य अधर लटका हुआ है। वही संबंधित विभाग के अधिकारी सड़क के चौड़ीकरण करने को लेकर बजट का रोना रो रहे हैं। सत्तीवाला दूधली के इस संकरे मार्ग पर बीते दिनों में हुई दुर्घटनाओ में दर्जनों जाने जा चुकी है। ग्रामीणों और क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के द्वारा लगभग सात किलोमीटर मार्ग को बनाने को लेकर इन पांच वर्षों में धरना प्रदर्शन चक्का जाम सरकार से पत्राचार करने के बाद भी इस मार्ग का उद्धार नहीं हो पा रहा है।
कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष गौरव सिंह चौधरी ने कहा कि अगर विधानसभा सत्र से पहले सड़क चौड़ीकरण का कार्य शुरू नहीं किया गया तो युद्ध स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। कहा कि सत्तीवाला दूधली मार्ग के चौड़ीकारण को लेकर भाजपा सरकार के 5 वर्ष के कार्यकाल में ढुलमुल रवैया रहा है, उत्तराखंड में सड़कों का जाल बिछाने की बड़ी-बड़ी बातें करने वाली यह भाजपा सरकार सत्तीवाला दूधली के मात्र 7 किलोमीटर का चौड़ीकरण 5 वर्षों में भी नहीं कर पा रही है। पूर्व ग्राम प्रधान उम्मेद बोरा ने कहा कि डोईवाला के क्षेत्रीय विधायक को सरकार को 10 सड़के बनाने का प्रस्ताव देना होता है लेकिन विधायक ने उन 10 सड़कों में सत्तीवाला दूधली मार्ग का कोई जिक्र नहीं किया है। जिसके चलते क्षेत्रीय विधायक सत्तीवाला दूधली तक के गांव के लोगों के सौतेला व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि डेढ़ वर्ष पहले सत्तीवाला दूधली मार्ग के चौड़ीकरण की मांग को लेकर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने चक्का जाम व आंदोलन किया था जिसके चलते संबंधित विभाग के अधिकारियों और भाजपा सरकार के नुमाइंदों ने 15 दिन के भीतर सड़क चौड़ीकरण का कार्य शुरू करवाने का आश्वासन दिया था, इतना समय बीतने के बाद भी सड़क का चौड़ीकारण का कार्य आज तक अधर में लटका हुआ है। उन्होंने कहा कि इसी मार्ग से विधानसभा सत्र के दौरान प्रशासन द्वारा सरकारी गैर सरकारी वाहनों को भेजा जाता है। यह मार्ग बहुत ही संकरा होने से दर्जनों दुर्घटनाओं में दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते इस मार्ग का चौड़ीकरण नहीं किया गया तो हम सभी ग्रामीण जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर विधानसभा सत्र के दौरान प्रशासन द्वारा इस मार्ग से भेजने वाले वाहनों को नहीं जाने दिया जाएगा। पूर्व ग्राम प्रधान सुनील दत्त ने कहां की सत्तीवाला दूधली मार्ग पर अभी तक की हुई दुर्घटनाओं में जिन लोगों की मौत हुई है उनके परिवार को मुआवजा और एक व्यक्ति को नौकरी प्रदेश सरकार को देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिसंबर माह में ग्रामीणों की अधिकारियों के साथ हुई एक बैठक में
लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता सुरेंद्र सिंह नेगी क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों को आश्वासन देते हुए कहा था कि विभाग द्वारा 6,3 किलोमीटर सड़क के चौड़ीकरण का प्रस्ताव सरकार को भेजा जा चुका है। जिसकी धनराशि 13 करोड़ 6 लाख है। सरकार से बजट मिलते ही सत्तीवाला दूधली मार्ग का चौड़ीकरण का कार्य शीघ्र ही शुरू किया जाएगा। सड़क चौड़ीकरण के कार्य में 7 मी चौड़ी सड़क, सड़क के किनारे टेल और पानी के लिए निकासी भी बनाई जाएगी। लेकिन बावजूद इसके सड़क चोरी करने का कोई भी कार्य शुरू नहीं हो पाया है जिसके चलते क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों को सरकार के खिलाफ भी बड़े आंदोलन का निर्णय लेना पड़ा। इस मौके पर पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य माधव सिंह, भारत भूषण कौशल, कांग्रेस नेता रणजीत सिंह बॉबी जसवंत सिंह राहुल कुमार नितिन कुमार अंकित कुमार कीर्तन सिंह हैप्पी लोधी किशन सिंह चंद्र प्रकाश, यासीन आदि ग्रामीण मौजूद थे। Verma doi

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button